Wednesday, December 30, 2009

funny shayri

जिसे कोयल समझा वोह कौवा निकला |
दोस्ती के नाम पर हौवा निकला |
जो रोका करते थे हमें शराब पिने से
आज उनकी जेब से पौवा निकला

दो शब्द

सोचा बहुत सोचा
कुरसी पैर बैठ के सोचा ?
बीस्तर पर लेट के सोचा ?
टेबल पर चढ़ के सोचा ?
Computer पर ONLINE होते हुए भी सोचा ?
कीताबो में घुस कर सोचा ?
रात को मोर्नींग वाल्क करते हुए सोचा ?
बीना खाए सोचा ?
खा कर भी सोचा ?
पी कर भी सोचा ?
नहा कर भी सोचा ?
इतना सोचकर भी सोचा की इतना क्यूँ सोचा ????
कैसे सोचा ???? yaar simple दो शब्द ही तो
लीखने है

लो

u r cute.....so cute person..............

लोग कहते है की दोस्ती इतनी न करो की सर पे सवार हो जाये .
लेकिन हम कहते है की दोस्ती इतनी करो की दुश्मन को भी आप से प्यार हो जाये ..............

Saturday, December 26, 2009

दोस्ती

मत इंतज़ार कराओ हमे इतना
कि वक़्त के फैसले पर अफ़सोस हो जाये
क्या पता कल तुम लौटकर आओ
और हम खामोश हो जाएँ
दूरियों से फर्क पड़ता नहीं
बात तो दिलों कि नज़दीकियों से होती है
दोस्ती तो कुछ आप जैसो से है
वरना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है
दिल से खेलना हमे आता नहीं
इसलिये इश्क की बाजी हम हार गए
शायद मेरी जिन्दगी से बहुत प्यार था उन्हें
इसलिये मुझे जिंदा ही मार गए
मना लूँगा आपको रुठकर तो देखो,
जोड़ लूँगा आपको टूटकर तो देखो।
नादाँ हूँ पर इतना भी नहीं ,
थाम लूँगा आपको छूट कर तो देखो।
लोग मोहब्बत को खुदा का नाम देते है,
कोई करता है तो इल्जाम देते है।
कहते है पत्थर दिल रोया नही करते,
और पत्थर के रोने को झरने का नाम देते है।
भीगी आँखों से मुस्कराने में मज़ा और है,
हसते हँसते पलके भीगने में मज़ा और है,
बात कहके तो कोई भी समझलेता है,
पर खामोशी कोई समझे तो मज़ा और है...!
मुस्कराना ही ख़ुशी नहीं होती,
उम्र बिताना ही ज़िन्दगी नहीं होती,
दोस्त को रोज याद करना पड़ता है,
क्योकि दोस्त कहना ही दोस्ती नहीं हो

Most eligible bachelor

क्या बताऊ आप को .. ये most एलिगिब्ले bachelor हैं, में तो कहता हू लड़का हीरा है हीरा.

वैसे तो बहुत मेहनती हैं, और शादी होते ही काम धंदा भी शुरू कर देगा . और कोई काम करेगा तो दिनभर थोडी सोयेगा ..... दिनभर सोना भी बंद कर देगा.

अब आप लोग ही बताईये , शादी के बाद कोई भला जुआ खेलता हैं क्या, बस एक बार शादी हो जाये, जिम्मेदारियों का एहसास हो जायेगा उसे और जुआ खेलना भी बंद हो जायेगा

वैसे तो दिल का अच्छा हें लेकिन शराब पीके कोई होश में रहता हें क्या, बस शादी हो जाये शराब पीना और गाली गलौच करना भी बंद कर देगा.

और शादी के बाद कोई पागल ही कोठे पर जायेगा. बस शादी होजाये वहा जाना भी धीरे धीरे बंद हो जायेगा.

ऐसा लड़का रोज़ रोज़ कहा मिलता हें...तो लड़कियों के लिए special message हें ज़रा जल्दी करना वरना लाले हो जायेगा.....कही लड़का तुम्हारे हाथ से निकल ना जाये.....!!!

दोस्ती

चुप रहके सज़ा ना दीजिएगा...

ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही...
पर दोस्त बना के यूही भुला ना दीजिएगा...

खुदा ने दोस्त को दोस्त से मिलाया...
दोस्तो के लिए दोस्ती का रिस्ता बनाया...

पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम...
जिसने दोस्ती को दिल से निभाया...

अब और मंज़िल पाने की हसरत नही...
किसी की याद मे मर जाने की फ़ितरत नही...

आप जैसे दोस्त जबसे मिले...
किसी और को दोस्त बनाने की ज़रूरत नही

Wednesday, December 16, 2009

दोस्ती

गम भी दोस्तो से है,

तकरार भी दोस्तो से है,
प्यार भी दोस्तो से है,

रुठना भी दोस्तो से है,
मनाना भी दोस्तो से है,

बात भी दोस्तो से है,
मिसाल भी दोस्तो से है,

नशा भी दोस्तो से है,
शाम भी दोस्तो से है,

जिन्दगी की शुरुआत भी दोस्तो से है,
जिन्दगी मे मुलाकात भी दोस्तो से है,

मौहब्बत भी दोस्तो से है,
इनायत भी दोस्तो से है,

काम भी दोस्तो से है,
नाम भी दोस्तो से है,

ख्याल भी दोस्तो से है,
अरमान भी दोस्तो से है,

ख्वाब भी दोस्तो से है,
माहौल भी दोस्तो से है,

यादे भी दोस्तो से है,
मुलाकाते भी दोस्तो से है,

सपने भी दोस्तो से है,
अपने भी दोस्तो से है,

या यूं कहो यारो,
अपनी तो दुनिया ही दोस्तो से है

एक दोस्त

कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
~~~~~~~~~~तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
~~~~~एक दोस्त है कच्चा पक्का सा ,
~~~~एक झूठ है आधा सच्चा सा .
जज़्बात को ढके एक पर्दा बस ,
एक बहाना है अच्छा अच्छा सा .
जीवन का एक ऐसा साथी है ,
जो दूर हो के पास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
हवा का एक सुहाना झोंका है ,
कभी नाज़ुक तो कभी तुफानो सा .
शक्ल देख कर जो नज़रें झुका ले ,
कभी अपना तो कभी बेगानों सा .
जिंदगी का एक ऐसा हमसफ़र ,
जो समंदर है , पर दिल को प्यास नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .
एक साथी जो अनकही कुछ बातें कह जाता है ,
यादों में जिसका एक धुंधला चेहरा रह जाता है .
यूँ तो उसके न होने का कुछ गम नहीं ,
पर कभी - कभी आँखों से आंसू बन के बह जाता है .
यूँ रहता तो मेरे तसव्वुर में है ,
पर इन आँखों को उसकी तलाश नहीं .
कोई तुमसे पूछे कौन हूँ मैं ,
तुम कह देना कोई ख़ास नहीं .----------

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