अंधेरे मे छुप गया चाँद मेरा,
हुआ उदास न जाने क्यों दिल मेरा,
जानता हूँ न तू मेरी और न मैं तेरा,
दीदार-ऐ-यार को तरसे क्यों दिल मेरा,
रौशनी की एक किरण उस पर आई,
झलक देख क्यों न भरा दिल मेरा,
पत्थर से दिल लगा कर बर्बाद हो गए,
दिल शाद था मगर अब नाशाद हो गाए,
जिनके वफाओं पर ऐतबार था 'आज़ाद',
करके हमे तबाह वह खुद आबाद हो गए।
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बात मुद्दत के मुस्कुराने की रात आयी है,
हर एक वादा निभाने की रात आयी है,
वह जो दूर रहा करते थे साये से भी कभी,
सीने से उनको लगाने की रात आई हैं.
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किसी परी की जवानी लगी थी तुम,
प्यार की एक कहानी लगी थी तुम,
सबूत तूम ही थी कुदरत के नूर का,
जीती जागती कोई निशानी लगी थी
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